Women should take these nutrients daily to improve fertility

फर्टिलिटी में सुधार के लिए महिलाएं रोज लें ये पोषक तत्व

एक महिला की फर्टिलिटी कई कारणों पर निर्भर करती है जिसमे से एक बड़ा कारण उनका स्वास्थ्य भी है। आपका स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप दिनभर में क्या क्या खाते हैं? आपकी डाइट कैसी है? आपकी जीवनशैली कैसी है? वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार इनफर्टिलिटी की समस्या अब वैश्विक स्तर पर बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती हुयी समस्या से केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी समान रूप से प्रभावित हैं। फर्टिलिटी कम होने का कारण महिलाओं के खानपान और जीवनशैली में बदलाव भी है। आजकल जिस तरह की व्यस्त जीवनशैली लोग जी रहे हैं ऐसे में बाहर का प्रोसेस्ड फ़ूड आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।  इसके साथ ही लोगों की फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो गयी है। इस तरह की आदत अगर लम्बे समय तक आपके साथ रहती है तो हार्मोनल रोगों का कारण बन सकती हैं। आजकल हार्मोनल बीमारियां बहुत तीव्र गति से बढ़ रही हैं जिनमे Ayurvedic Treatment for PCOD, थायरॉइड, डायबिटीज आदि शामिल हैं। ये बीमारियां सुनने में जितनी आम लगती हैं इनका प्रभाव उतना ही हानिकारक हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है की अगर आप अपनी फर्टिलिटी में सुधार करना चाहते हैं तो आपको रोजाना एक निश्चित मात्रा में जरुरी पोषक तत्व लेने चाहिए। इस ब्लॉग पोस्ट में आपको उन सभी पोषक तत्वों के बारे में पता चलेगा जिसे खाकर आप अपनी फर्टिलिटी में सुधार ला सकती हैं।  

 

महिलाओं को फर्टिलिटी में सुधार की जरुरत क्यों है? 

आजकल निःसंतानता की समस्या बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से लोगों की शादी शुदा ज़िन्दगी पर नकारात्मक असर पड़ता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल करीब 27 मिलियन लोग निःसंतानता की समस्या के शिकार हो जाते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे आपका खानपान, जीवनशैली, मोटापा आदि। लेकिन वास्तविकता यह है कि आपकी फर्टिलिटी एक उम्र के बाद प्राकृतिक रूप से भी घटने लगती है। प्रायः 35 की उम्र के बाद एक महिला की प्रजनन क्षमता घटने लगती है। 

 

महिलाओं के लिए फर्टिलिटी जांच क्या है?     

महिलाओं के लिए फर्टिलिटी जांच एक प्रकार का परीक्षण है, जिससे यह पता चलता है कि किसी महिला के माँ बनने की कितनी सम्भावना है यानि अगर कोई महिला निःसंतानता की समस्या से ग्रसित है तो जांच द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है। इस जांच से यह भी जानने में मदद मिलती है की निःसंतानता का मुख्य कारण क्या है? एक बार अगर आप कारण का पता लगाने में सफल हो गए तो आपके लिए उपचार भी उतना ही आसान होगा। 

 

महिलाओं के लिए फर्टिलिटी जाँच कराने का उचित समय क्या है? 

इनफर्टिलिटी की परिभाषा के अनुसार अगर कोई महिला जिसकी उम्र 35 वर्ष से कम है वह एक साल तक अपने पति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाती है लेकिन गर्भवती नहीं हो पाती है तो उसे बाँझ मान लिया जाता है।  वहीँ  अगर किसी महिला की उम्र 35 वर्ष से अधिक है तो केवल 6 महीने के प्रयास के बाद ही उसे डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। आप अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करके फर्टिलिटी की जांच करा सकती हैं। लेकिन जरुरी नहीं है कि अगर कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पा रही है तो उसी में दोष हो। आजकल बांझपन की समस्या महिला और पुरुष दोनों में सामान रूप से पाए जाते हैं इसलिए यह जांच भी दोनों को करवानी चाहिए। 

 

महिलाओं की प्रजनन दर घटने के क्या कारण हैं? 

शादी में देर: एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की प्रजनन दर घटने का सबसे बड़ा कारण देर से शादी करना है। एक महिला के माँ बनने के लिए आदर्श उम्र 20 से 30 तक की होती है। इस उम्र की लगभग सभी महिलाओं की फर्टिलिटी सामान्यतः अच्छी मानी जाती है। जैसे जैसे यह उम्र 35 वर्ष के ऊपर बढ़ती है महिला की प्रजनन क्षमता घटती जाती है। महिला के अंडे की क्वालिटी ख़राब होने लगती है जिसके कारण प्रेगनेंसी में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

अनहेल्थी जीवनशैली: एक महिला की फर्टिलिटी को निर्धारित करने में उसकी जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अगर किसी महिला या पुरुष को शराब, सिगरेट जैसी नशीली पदार्थों के सेवन की आदत है तो यह उनकी फर्टिलिटी को कम कर सकता है। 

सामाजिक कारण: बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए समाज में गर्भनिरोधक और हम दो हमारे दो जैसी चीजों को लेकर जागरूकता फैलाई गयी लेकिन यह जागरूकता एक सीमा के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी को कम करने में अपनी भूमिका निभाने लगी। 

अधिक या कम वजन होना: एक महिला के प्रेगनेंट होने के लिए जरुरी है उसका मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना। लेकिन कई बार महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स कम या ज्यादा हो जाता है जिसकी वजह से उन्हें कन्सीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए आपको अपने वजन को नियंत्रित करके रखना चाहिए। 

 

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए? 

डाइट का ध्यान रखें: आपकी फर्टिलिटी आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करती है और आपका स्वास्थ्य कैसा होगा वह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी डाइट कैसी है? आप अपने आहार में किन चीजों को शामिल करते हैं? इसलिए अपनी डाइट में उन पोषक तत्वों को शामिल करें जो आपकी फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। आप संतुलित आहार का सेवन करें और ध्यान रखें कि उसमे पर्याप्त मात्रा में जिंक, ओमेगा 3 फैटी एसिड, लीन प्रोटीन और स्वस्थ फैट आदि शामिल हो। 

वजन नियंत्रित रखें: एक स्वस्थ व्यक्ति का वजन और बॉडी मास इंडेक्स सही होना चाहिए तभी वह कन्सीव करने के लिए तैयार होता है। जरुरत से ज्यादा वजन होना या कम वजन होना आपकी फर्टिलिटी के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए वजन नियंत्रण बहुत जरुरी है, इसके लिए आप नियमित रूप से कोई भी शारीरिक श्रम वाला कार्य अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। जैसे योग, नियमित एक्सरसाइज, रनिंग, जॉगिंग, आदि। 

 

महिलाओं की फर्टिलिटी में सुधार लाने के लिए आवश्यक पोषक तत्व क्या हैं? 

फॉलिक एसिड (folic acid): फॉलिक एसिड की भूमिका आपके शरीर में बेहद महत्वपूर्ण है यह सेल डिवीज़न के साथ डीएनए संश्लेषण का कार्य भी करता है। एक निश्चित मात्रा में फॉलिक एसिड के सेवन से महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ती है। इसके प्राकृतिक स्रोत के रूप में आप हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, बिन्स, साग आदि को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। 

आयरन (iron): एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में महिलाओं में आयरन की कमी से कई तरह के रोग पाए जाते हैं इसलिए महिलाओं को आयरन एक उचित मात्रा में नियमित रूप से लेना चाहिए। इससे उनका ओवुलेशन और फर्टिलिटी दोनों अच्छा होता है। आयरन के प्राकृतिक स्रोत के रूप में आप रेड मिट, बिन्स, मछली, आदि को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। 

 ओमेगा 3 फैटी एसिड (omega 3 fatty acid): ओमेगा 3 फैटी एसिड की मदद से आपके शरीर में स्वस्थ वासा के निर्माण को बढ़ावा मिलता है। यह आपकी एग की क्वालिटी को भी बेहतर बनाते हैं और सूजन से भी राहत दिलाते हैं। इसके प्राकृतिक स्रोत के रूप में आप चिया, अखरोट, अलसी के बीज आदि को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। 

एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant): महिलाओं के शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का कार्य ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करना होता है। आप इसके प्राकृतिक स्रोत के रूप में हरी पत्तेदार सब्जियां, जामुन, मेवे आदि को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। 

विटामिन डी (Vitamin D): विटामिन डी की मदद से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और हॉर्मोन के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। आप विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोत के रूप में सुबह के समय की हल्की धुप ले सकते हैं और फोर्टीफाइड डेयरी प्रोडक्ट्स को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। 

 

गर्भधारण की प्लानिंग में किन खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए?  

अगर आप प्रेगनेंसी की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको बाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स से परहेज करना चाहिए। ज्यादा मीठी चीजों से परहेज करें और जिन खाद्य पदार्थों में एडेड शुगर हो उनका सेवन बिल्कुल भी ना करें इससे आपकी फर्टिलिटी कम हो सकती है। 

कैफीन के अत्यधिक प्रयोग से महिलाओं को परहेज करना चाहिए क्यूंकि इससे प्रेगनेंसी के समय मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। 

शराब, सिगरेट या  अन्य नशीली पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए क्यूंकि इससे आपके एग की क्वालिटी और ओवरऑल फर्टिलिटी पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions) FAQs

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए कौन से फल खाने चाहिए? 

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आपको अपनी डाइट में विटामिन सी से भरपूर फलों को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप संतरा, आँवला, कीवी आदि का सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी इम्युनिटी और फर्टिलिटी दोनों बेहतर होगी। 

 

क्या खाने से जल्दी गर्भ ठहरता है?  

जल्दी गर्भधारण के लिए आपको अपनी डाइट में फॉलेट यानि विटामिन बी से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप पत्तागोभी, ब्रोकली, पालक आदि को आपने नियमित आहार में शामिल कर सकते हैं। इससे आपकी फर्टिलिटी प्राकृतिक रूप से बढ़ जाएगी। 

 

बांझपन कौन से विटामिन की कमी से होता है? 

महिलाओं में जब विटामिन डी की कमी होती है तब उनकी फर्टिलिटी दर कम होने लगती है। इसलिए विटामिन डी की कमी कई बार बांझपन का कारण भी बन सकती है। 

 

इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। अगर आपको लेख पसंद आया तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही और इंफॉर्मेटिव ब्लॉग पोस्ट के साथ आपसे फिर मिलेगे। इस विषय से जुड़ी या अन्य Tubal Blockage, PCOS/PCOD, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं।

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