महिलाएं हार्मोन बैलेंस करने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स
आज के समय में एक स्वस्थ जीवनशैली कई प्रकार की बीमारियों से बचाती है। खराब खान-पान, व्यायाम की कमी और तनाव के कारण कई बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं। कई बार इन सभी कारणों से महिला और पुरुष दोनों को असंतुलित हार्मोन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हमारे शरीर के हार्मोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और खासकर महिलाएं इन हार्मोनों के सही संतुलन की जरूरत होती है। कई महिलाएं हार्मोन को संतुलित करने के लिए कई तरह की दवाइयां लेती हैं। लेकिन यह दवाइयां कई बार रिजल्ट नहीं देती हैं। आज हम आपको कुछ टिप्स बातएंगे जो महिलाएं हार्मोन को बैलेंस करने मदद कर सकते हैं।
महिलाएं हार्मोन इम्बैलेंस से क्या होता है?
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन विकसित होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि उनका एंडोक्राइन सिस्टम पुरुषों से थोड़ा अलग होता है। आजकल खराब खान-पान और जीवनशैली के कारण हार्मोनल असंतुलन एक बहुत ही आम समस्या है। हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण शरीर में तनाव बढ़ता है और कई बीमारियां जैसे थायराइड, ब्लड प्रेशर और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। हार्मोन असंतुलन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि पीरियड्स की अनियमितता, पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम), गर्भाशय संबंधित समस्याएं, और डिप्रेशन जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आदि शामिल है।
हार्मोन को बैलेंस करने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स
- आहार से करें स्वास्थ्य की देखभाल
आहार महिलाओं के हार्मोनल स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद के अनुसार, सभी प्राकृतियों के लिए वात, पित्त, और कफ का संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। व्यक्तिगत प्राकृति के हिसाब से आहार चयन करें और विभिन्न प्रकार के साधारण रसायन जैसे कि त्रिफला, अमलकी, और शतावरी का सेवन करें।
- बीजों का सेवन
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बीजों का सेवन किया जा सकता हैं। बीजों का सेवन करने से महिलाओं के हार्मोन को संतुलित करने में मदद मिलती है। हार्मोन को संतुलित करने के लिए डाइट में 4 तरह के बीज जैसे कद्दू के बीज, अलसी के बीज, तिल के बीज और सूरजमुखी के बीज। इनमें जिंक और सेलेनियम पाया जाता हैं, जो थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करता हैं।
- शतावरी
शतावरी महिलाओं के लिए एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो हार्मोन स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकती है। यह गर्भावस्था, मासिक धर्म, और स्त्री स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होती है।
- अर्जुन का छाल
अर्जुन का छाल भी महिलाओं के हार्मोन संतुलन को सुधारने में मदद कर सकता है। इसका सेवन ब्लड प्रेशर को नियमित करने में मदद कर सकता है, जिससे हार्मोन संतुलन को भी सुधारा जा सकता है।
- त्रिफला
त्रिफला एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है जो पाचन को सुधारने में मदद करती है और हार्मोन स्तर को संतुलित रखने में सहायक होती है।
- अश्वगंधा
अश्वगंधा भी हार्मोन स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकती है। यह तनाव को कम करने और सामान्य तौर पर आत्म-संरक्षण में मदद करती है।
- गुड़
गुड़ भी हार्मोन स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकता है। यह मिनरल्स और पोषण से भरपूर होता है और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।
- योग और प्राणायाम
हार्मोन को संतुलित करने के लिए स्वस्थ आहार के साथ-साथ व्यायाम भी करें। योग और प्राणायाम आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। योगासन और प्राणायाम के माध्यम से आप तनाव को कम कर सकती हैं और हार्मोन स्तर को संतुलित रख सकती हैं। व्यायाम करने से मेटाबॉलिज्म का स्तर बेहतर होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। नियमित व्यायाम से मधुमेह का खतरा कम होता है और हार्मोन संतुलित रहते हैं।
- तनाव को कम करें
हार्मोन को संतुलित करने के लिए महिलाओं को तनाव का स्तर कम रखना चाहिए। शरीर में अत्यधिक तनाव हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। अत्यधिक तनाव के कारण मोटापा, यौन इच्छा में कमी, थकान और नींद न आना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। लंबे समय तक तनाव में रहने से ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है।
- स्वस्थ जीवनशैली
स्वस्थ जीवनशैली अत्यंत महत्वपूर्ण है हार्मोन स्तर को संतुलित रखने के लिए। नियमित व्यायाम करना, पर्यापन से दूर रहना, और पर्यापन का सेवन कम करना हार्मोन स्तर को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
- पर्याप्त नींद लेना
कम नींद के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता हैं। ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पूरे दिन में 7 से 8 घंटे की नींद लें। कम नींद के कारण हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और कई बीमारियों जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कम नींद के कारण महिलाओं में असंतुलित हार्मोन की समस्या भी पैदा हो सकती है।
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