पीरियड्स के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स
पीरियड्स के दिनों महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम महीने पीरियड्स में आने वाले दर्द, पेट के निचले हिस्से में सुजन, पेट में ऐंठन, उलटी-मलती आदि समस्याओं से हर महिला को दो-चार होना पड़ता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में काफी दर्द होता है जो बिल्कुल भी सहन नहीं हो पाता है। ऐसे में महिला दर्द निवारक दवाओं का सहारा लेती है जो शरीर के लिए हानिकारक होती है। अगर आप भी पीरियड्स में होने वाले दर्द से पीड़ित हैं, तो आप अकेली नहीं हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से छुटकारा पाने और आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाने के बारे में विस्तार से बताएंगे।
पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के 4 आयुर्वेदिक उपाय
इससे जुड़ी समस्याएं हर महिला में अलग-अलग हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान कई महिलाओं को मूड स्विंग्स अधिक होते हैं, जबकि कुछ महिलाओं को क्रेविंग, बदन दर्द आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी तरह ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट दर्द की समस्या भी होती है। ऐसे में पीरियड्स से पहले या उसके दौरान पेट में तेज दर्द होता है, जिससे आपकी दिनचर्या में किसी भी काम पर ध्यान लगा पाना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए इन निम्नलिखित में कुछ टिप्स के बारे में बताये गये हैं:
- भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें
वैसे तो ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा होता है जो आपको भरपूर मात्रा में पोषण प्रदान करता है। अगर आप पीरियड्स के समय आप भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें तो इससे आपको दर्द से राहत मिल सकती है। आपको रात में 4 किशमिश, 3 काजू और 1-2 केसर के धागे भिगोकर रख दें। इसके अलावा आप कद्दू, सूरजमुखी और अन्य मगज का सेवन भी कर सकते है। इसके सेवन से पीरियड्स पेन से जल्द राहत मिल सकती है। इसमें उच्च मात्रा में आयरन होता है, जिसके कारण इसके सेवन से रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है।
- विटामिन डी-ई और मैग्नीशियम का सेवन करें
आयुर्वेद के अनुसार, हेल्दी डाइट आपको इर्रेगुलर पीरियड्स और पीरियड्स में होने वाला दर्द से राहत पाने में मदद करता है। ऐसे में अगर आप विटामिन-डी, विटामिन-ई और मैग्नीशियम का अधिक सेवन करते हैं तो यह आपको दर्द से जल्द राहत मिल सकती है। इसलिए अपनी डाइट में हरी सब्जियां, दालें, कद्दू के बीज, खजुर, पुदिना, मोरिंगा, आंवला और बादाम जैसी चीजों को ज्यादा शामिल करें।
- तनाव से दूरी बनाए रखें
आज के समय में तनाव लोगों के लिए बहुत ही सामान्य अनुभव बन चुका है। तनाव और चिंता करने से हमारे हार्मोन्स पर असर पड़ता है, जो पीरियड्स में दर्द को और ज्यादा बड़ा सकता है। इसलिए इस दौरान तनाव से दूरी बनाकर रखने की जरूरत है। इसके लिए आप मेडिटेशन, योगा, वॉक या डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी कर सकती हैं।
- हेल्दी फैट्स लेना शुरू करें
हेल्दी फैट्स को अपनी डाइट में शामिल जरूर करें इससे आपको दर्द से जल्द राहत मिल सकती है। हेल्दी फैट्स में आप नारियल तेल, डार्क चॉकलेट, अखरोट, कद्दू के बीज, अलसी के बीज और पनीर को लेना शुरू कर सकते हैं। इससे बॉडी में एनर्जी और हाइड्रेशन बनी रहती है।
इसके अलावा आयुर्वेद में पीरियड्स के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय हो सकते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- अदरक का चाय (Ginger Tea): अदरक में एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं जो पीरियड्स के दर्द को कम कर सकते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं।
- हल्दी और दूध (Turmeric and Milk): हल्दी में एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं और गर्म दूध में अधिकांश लोगों के लिए दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
- अजवाइन का पानी (Ajwain Water): अजवाइन का पानी पीने से पीरियड्स के दर्द में राहत मिल सकती है। ऐसा माना गया है कि पीरियड्स के समय अजवाइन का सेवन करने से दर्द में कमी हो सकती है। आप एक छोटी सी चम्मच अजवाइन को गरम पानी के साथ ले सकते हैं।
- धनिया के पानी: धनिया के पानी से शारीरिक थकावट कम होती है और दर्द कम होता है।
- किशमिश का सेवन: आयुर्वेद में किशमिश को सबसे उत्तम बोला गया है, यह पाचन तंत्र में सुधार, पेट की अग्नि नियमित रखना, पेट को साफ करने, रिलेशन बनाने के बाद और पेशाब करते समय जलन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा थकान, जलन, खून साफ करने, बहुत प्यास लगने की समस्या, बुखार में, भारी रक्तस्राव, या फिर पीरियड्स के समय जलन, उल्टी-मतली की समस्या को दूर करने में फायदेमंद साबित होती है। आप खाली पेट इसका सेवन कर सकते है।
अगर आपको इन सभी उपायों से राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर से सलाह जरुर लें क्योंकि पीरियड्स में होने वाला दर्द के कई कारण हो सकते है जो आगे चलकर गंभीर रूप लें सकते है। पीरियड्स में होने वाला असहनीय दर्द का कारण डिसमेनोरिया, फाइब्रॉइड्स, एडेनोमायोसिस, एंडोमेट्रियोसिस और इन्फ्लेमेटरी पेल्विक डिजीज हो सकता है जो आगे चलकर निसंतानता की समस्या बन सकती है। इन बीमारियों के चलतो आपको गर्भधारण में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। अगर आपको लेख पसंद आए तो हमें कमेंट करके जरुर बताए। इस विषय से जुड़ी या अन्य समस्या जैसे कि ट्यूब ब्लॉकेज, पीसीओएस, पीसीओडी, हाइड्रोसालपिनक्स डिसमेनोरिया, फाइब्रॉइड्स, एडेनोमायोसिस, एंडोमेट्रियोसिस उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। आप हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।