OCD Treatment in Ayurveda - Aasha Ayurveda
OCD एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमे व्यक्ति के मन में नियंत्रण की कमी होती है और वह अनिवार्य रूप से एक की क्रिया को दोहराता रहता है। आजकल हमारा समाज और जीवनशैली होती जा रही है उसमे किसी भी व्यक्ति के पास न तो खुद के लिए पर्याप्त समय होता है न ही अपने परिवार के लिए और ऐसी स्थिति में व्यक्ति तनाव ग्रस्त भी हो सकता है। आपकी जीवनशैली, खान पान आदि ऐसी चीजें हैं जो आपकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। OCD में मुख्यतः दो शब्द शामिल हैं ऑब्सेसिव यानि एक ही आईडिया, या क्रिया को बार बार दुहराना उस पर पेशेंट का कोई नियंत्रण नहीं होता है। ऑब्सेशन की वजह से कई बार व्यवहार में कंपल्शन भी आ जाता है। यह बीमारी बायोलॉजिकल और न्यूरोट्रांसमीटर का संतुलन बिगड़ने की वजह से होता है। इससे ग्रसित व्यक्ति को यह तो पता होता है कि जो ख्याल उसके दिमाग में बार बार आ रहा है वह ठीक नहीं है फिर भी वह उसपर नियंत्रित नहीं कर पाता है। यह बीमारी हर 50 में से एक व्यक्ति को उसके जीवन में एक बार अवश्य हुआ है। यह सामान्य सी दिखने वाली बीमारी किसी व्यक्ति की दैनिक जीवनशैली और रिश्तों को प्रभावित कर सकती हैं क्यूंकि यह मनुष्य के बिहेवियर से जुड़ा हुआ एक गंभीर रोग है जिसपे नियंत्रण कर पाना मुश्किल है।
अक्सर लोगों को यह बीमारी बस सफाई से जुडी हुयी कोई आम बात लगती है की यदि किसी को बार बार हाथ धोने की आदत है तो वह इससे ग्रसित हो सकता है लेकिन आपको यह बात समझनी होगीं की इस बीमारी का दायरा बहुत बड़ा है। यह एक व्यक्ति की सोचने की शक्ति पर हावी हो सकता है जैसे किसी के मन में बार बार किसी की जान लेने का ख्याल आना, हर चीज में परफेक्शन ढूंढना। यह एक प्रकार का मानसिक रोग है जिसमे व्यक्ति को अपनी कंडीशन के बारे में सब पता होता है लेकिन वह उसपर कण्ट्रोल कर पाने में असफल होता है।
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OCD के दौरान नजर आने वाले कुछ सामान्य ओबसेशन :
सफाई से जुडी : इसमें व्यक्ति को बार हाथ धोना, घर की सफाई करना, धूल से परेशान होना, कहीं भी गन्दगी देखकर ऐसे लोगों से देखा नहीं जाता है और यह उन्हें बाकियों के बिच थोड़ा असहज बना देता है।
नियंत्रण खोना : ऐसे लोगों के दिमाग में कई बार जानलेने जैसे भयानक ख्याल भी आते हैं, किसी को नुकसान पहुँचाने के बारे में सोचना, चोरी करने का ख्याल आना आदि। अजीब बात तो यह है की व्यक्ति को हमेशा यह मालूम होता है की यह सब मोरली सही नहीं है लेकिन वह अपनी सोच पर नियंत्रण नहीं कर पाता है।
डर : ऐसे लोगों को यह डर लगा रहता है की उन्होंने किसी का नुकसान कर दिया है, उनकी लापरवाही की वजह से किसी को बहुत नुकसान हो गया है आदि।
परफेक्शन के जुडी समस्या : ऐसे लोगों में एक प्रॉब्लम होती है कि इन्हे हर चीज एक निश्चित रूप में पसंद आती है, अगर बेडशीट की सिमिट्री ठीक नहीं हो तो भी इन्हे प्रॉब्लम हो सकती है। सामन्य लोगों का ध्यान भी जिस ओर नहीं जाता है इनलोगों के लिए वह एक गंभीर समस्या बन जाती है। ऐसे लोगों को बार बार किसी चीज को चेक करने की भी आदत होती है। जैसे गैस बंद किया या नहीं, लाइट का स्विच ऑफ किया या नहीं, गेट खुला तो नहीं रह गया। इनलोगों के अंदर एक भय बना रहता है।
अन्य ओबसेशन : ऐसे लोगों में लकी नंबर, लकी रंग जैसे अन्धविश्वास की कमी नहीं होती है। ऐसे लोगों के मन में हमेशा एक भय बना रहता है की कहीं वो किसी बीमारी की चपेट में न आ जाएँ।
OCD के लक्षण : ऐसे लोग अक्सर बहुत तनाव में रहते है। वो एक ही क्रिया को बार बार दुहराते रहते हैं। अपने सोच पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। इससे इनके मूड और प्रोडक्टिविटी पर भी असर पड़ता है। यह एक मानसिक बीमारी है जिसे बहुत दिनों तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता है इसलिए बेहतर होगा आप अपने आस पास के किसी डॉक्टर से बेझिझक होकर अपनी समस्या के बारे में बात करें।
OCD ट्रीटमेंट : यह एक ऐसी बीमारी है जिससे वैश्विक स्तर पर बहुत से प्रसिद्द लोग भी जूझ रहे हैं और इसके उपचार के लिए आप किसी साइकैट्रिस्ट या थेरेपिस्ट से मिल सकते हैं जो आपकी आदतों को देखते हुए आपके लिए सही उपाय बताएँगे। आपको अपने थेरेपिस्ट से अपनी बात बेझिझक बतानी चाहिए ताकि वो समस्या को अच्छे से समझ सके।
यदि आप खुद से इसपर काबू करना चाहते हैं तो आपको अपनी ऑब्जरवेशन स्किल्स पर काम करना होगा। आपको सोच समझकर उसे न करने का कोई प्लान नहीं बनाना है क्यूंकि यह इंसानो की आदत होती आप जिस चीज को जितना अवॉयड करना चाहते हैं उसके बारे में उतना ज्यादा सोचते हैं। इसपर नियंत्रण पाने के लिए आप अपनी आदतों के बारे में या तो कहीं लिख सकते हैं या मैडिटेशन कर सकते हैं। लेकिन यह ऐसी बीमारी है जिसके बारे में एक्सपर्ट्स की राय यही हैं की आपको किसी डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। अपने परिवार के अन्य सदस्य या दोस्तों से इसके बारे में बात करें उन्हें अपनी परेशानी बताएं और तनाव कम लें।
ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति अपनी डाइट पर कण्ट्रोल करके भी इसे कुछ हद तक कम कर सकते हैं। आप अपनी डाइट में विटामिन्स एंड मिनरल्स को पर्याप्त मात्रा में शामिल करें।
अपना स्क्रीन टाइम कम करें क्यूंकि यह डिप्रेशन या एंग्जायटी का कारण हो सकता है।