योगासन जो बढ़ाएगा आपकी फर्टिलिटी | Fertility Badhane wale yoga | Fertility Yoga in Hindi
शादी के बाद हर दंपत्ति के जीवन में सबसे ख़ुशी का पल तब आता है जब उन्हें पता चलता है कि वो पेरेंट्स बनने वाले हैं। लेकिन पेरेंट्स बनने का यह सुख सभी को इतनी आसानी से नहीं मिल पाता है। कुछ लोगों के लिए यह प्रक्रिया इतनी जटिल बन जाती है कि डॉक्टर्स और हॉस्पिटल्स के चक्कर लगाते लगाते उनकी हिम्मत टूट जाती है। इनफर्टिलिटी को लोग एक प्रकार का अभिशाप मानते हैं। चाहे भारतीय समाज हो या पाश्चात्य संस्कृति आज भी ज्यादातर लोगों को अपनी ही संतान चाहिए होती है। और जब कपल कई कोशिशों के बावजूद भी कन्सीव नहीं कर पाते हैं तो अवसाद का शिकार हो जाते हैं।
इनफर्टिलिटी के उपचार में योग की प्राचीन परंपरा से लाभ
प्राचीनकाल से ही योगा हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह आपकी प्रजनन शक्ति को बढाने का काम भी करता है। अगर आपको संतान प्राप्ति में किसी प्रकार की समस्या हो रही है और आप अब उम्मीद का दामन छोड़ चुके हैं, दवाओं का असर नहीं हो रहा है और निराशा ने दिल में घर कर लिया है तो आप योग पर भरोसा करके देखिये। क्यूंकि योग से पहले भी बहुत लोगों की संतानसुख की खोयी हुयी उम्मीद लौट आयी है। योग से फर्टिलिटी बढ़ती है और पेरेंट्स बनने की सम्भावना भी। वैज्ञानिकों के अनुसार भी योग निःसंतानता के उपचार में पूरक का कार्य करता है। रिसर्च के मुताबिक सामान्य लोगों के मुकाबले योग करने वाले लोगों के प्रेगनेंसी के चांसेज ज्यादा होते हैं। योग करने से आप तनाव से भी दूर रहते हैं जिसकी वजह से कन्सीव करने में आसानी होती है। इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से यह जानेगे कि वो कौन से योग है जो आपकी फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करेंगे और उनको करने का सही तरीका क्या है?
“हो सकता है आप बड़े बिजनेसेस और इंटरप्राइजेज को मैनेज करते हों। योग इम्पोर्टेन्ट है क्योंकि ये आपको खुद को मैनेज करना सीखाता है। ये आपकी बॉडी में कम्प्लीट बैलेंस लाता है और उसे हेल्दी बनाता है।”- बाबा रामदेव
योग गुरु रामदेव के अनुसार योग एक प्रकार का डिसिप्लिन है जो व्यक्ति के जीवन में संतुलन बनाने का कार्य करता है। आप अगर नियमित रूप से योग करते हैं तो आपका मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य सही रहता है। यह आपकी मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाता है। यह आपके तनाव को भी कम करता है और निःसंतानता के कारण होने वाले अवसाद और निराशा से लड़ने में आपकी मदद करता है।
क्या योग फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करता है?
योग का सीधा असर आपकी फर्टिलिटी पर नहीं पड़ता है लेकिन आप इसको फर्टिलिटी के उपचार में एक पूरक के रूप में अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। योग करने से आपके अंडे या स्पर्म की गुणवत्ता पर प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि यह आपकी फर्टिलिटी बढ़ाने वाले रूटीन का हिस्सा बन सकता है। योग करके इनफर्टिलिटी के अन्य कारक यानि मोटापा, स्ट्रेस आदि से राहत मिलती है। नियमित योग अभ्यास करके आप अपना वजन नियंत्रित कर सकते हैं और इस प्रकार जब आपका शरीर और मस्तिष्क दोनों शुद्ध तथा स्वस्थ रहेंगे तो दवाओं और थेरेपी का असर भी जल्दी और प्रभावकारी होगा जिससे आपकी फर्टिलिटी बढ़ेगी। कई शोधों के बाद यह पता चला है कि केवल योगाभ्यास से प्रजनन क्षमता नहीं बढ़ती है बल्कि आपको यह इनफर्टिलिटी के उपचार में फ़ास्ट रिकवरी में मदद करता है। यहाँ कुछ ऐसे कारकों के बारे में जानेंगे जिससे योगाभ्यास की मदद से कन्सीव करने में सहायता मिलती है।
- हार्मोनल संतुलन : नियमित योगाभ्यास से आपके हॉर्मोन्स का संतुलन बना रहता है। यह आपके इंडोक्राइन सिस्टम द्वारा सभी जरुरी हॉर्मोन्स को रेगुलेट करने का कार्य करता है। योग करने से आपका पीरियड्स नियमित हो जाता है और फिर ओवुलेशन को ट्रैक करना भी आसान हो जाता है। ओवुलेशन ट्रैक करने के बाद आप अपने फर्टाइल दिनों के बारे में जान जाएँगी और फिर प्रेगनेंसी कन्सीव करना आसान होता है।
- स्ट्रेस कम होता है : जो लोग नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं उनके तनाव का स्तर कम होता है और इस प्रकार वो स्ट्रेस के कारण होने वाली इनफर्टिलिटी से अपना बचाव कर सकते हैं। ऐसा देखा गया है कि जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं उनकी फर्टिलिटी दर उतनी ही कम होती है। योग आपके तन और मन की शुद्धि करके सारे हॉर्मोन्स को संतुलित रखता है और प्रेगनेंसी की सम्भावना को बढ़ाता है।
- मस्तिष्क, ह्रदय और शरीर के बीच संतुलन : योग के माध्यम से आप अपने जीवन को अनुशासित कर पाते हैं। यह मन और शरीर के बीच जुड़ाव का काम करता है। योग के द्वारा आपका दिमाग शांतचित्त होता है और आप इसे एक जगह एकाग्र कर पाते हैं। जिससे आपका शरीर भी अपने कार्यों की सही समझ विकसित कर पाता है। आप फर्टिलिटी सम्बंधित किसी भी समस्या को गहराई से समझ पाते हैं और योग द्वारा शरीर और मन को मजबूती प्रदान करके उसके लिए उपाय कर सकते हैं।
- बेहतर रक्त संचार: योग कई प्रकार के होते हैं उनमे से कुछ ऐसे भी होते हैं जिनका मुख्य फोकस आपके पेल्विक क्षेत्र पर होता है और इन्हे करने से रक्त का संचार बढ़ता है, जिससे आपके रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स स्वस्थ रहते हैं। आपके प्रजनन अंगों को स्वस्थ रहने हेतु पौष्टिक आहार और उचित रक्त प्रवाह की आवश्यकता होती है जिसे योग द्वारा पूरा किया जा सकता है।
फर्टिलिटी बढ़ाने वाले सर्वोत्तम आसन कौन से हैं जो महिला और पुरुष दोनों के लिए लाभदायक हैं ?
सूर्यनमस्कार: जो महिलाएं नियमित रूप से सूर्यनमस्कार करती हैं उनको पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प्स से राहत मिलती है और इसका असर उनके गर्भाशय पर भी देखा जाता है। इसके अभ्यास से आपके पीरियड्स नियमित हो जाते है और बच्चे के जन्म में भी आसानी होती है।
भ्रामरी प्राणायाम: जैसा कि आप सभी जानते हैं इनफर्टिलिटी का एक मुख्य कारण तनाव भी है जिसे भ्रामरी प्राणायाम के जरिये कम किया जा सकता है।
पश्चिमोत्तासन: इस आसन को करने के दौरान आपके पीठ के निचले हिस्से, हैमस्ट्रिंग और कूल्हों के मसल्स में स्ट्रेच होता है जिससे रक्त का प्रवाह बढ़ता है और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स एक्टिव हो जाते हैं। इस योगाभ्यास को नियमित करने से आपका तनाव कम होता है और प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है।
हस्तपादासन: इस योगासन से आपकी बॉडी में लचीलापन आता है। इसका मुख्य फोकस आपके पीठ, कूल्हों, और रीढ़ की हड्डी पर होता है। यह मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और ब्लड फ्लो को तेज करता है, जिससे सभी अंग एक्टीवली काम करते हैं। इसके अभ्यास से पेट वाला हिस्सा तनाव मुक्त हो जाता है और प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है।
जानुशीर्षासन: यह एक ऐसा योगा है जिसे आप गर्भधारण से पहले और उसके पश्चात् भी कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान भी आपको इस योग से बहुत लाभ होता है। जहाँ यह पेट के मसल्स को आराम देता है वहीँ हैमस्ट्रिंग तथा पिंडलियों में खिंचाव उत्पन्न करके रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।
बद्धकोणासन/तितली आसन (butterfly pose): यह योगासन आपके शरीर में लचीलापन लाता है, इसका प्रभाव आपके इनर थाइज, घुटनों और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स पर देखा जा सकता है। इस योगासन को आप प्रेगनेंसी के दौरान भी कर सकती हैं। इससे प्रसव के समय होने वाले असहनीय दर्द में कमी आती है और आपका प्रसव आसान हो जाता है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम: इस प्राणायाम से स्वांसों की ही भूमिका है। यह आपके शरीर में साकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और आपको तनाव से दूर रखता है।
बालासन (child pose) : इस योगासन का असर आपके रीढ़ की हड्डी, कूल्हों और पीठ पर देखा जाता है। इसके नियमित अभ्यास से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह भी बढ़ता है और तनाव से मुक्ति मिलती है।
सेतुबंधासन (bridgepose): इस योगाभ्यास से आपके पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों में मजबूती आती है और खिंचाव के कारण रक्त का प्रवाह भी बढ़ता है। इससे पुरुषों के स्पर्म की मोबिलिटी और स्पर्म काउंट को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
हलासन: इस योगासन के नियमित अभ्यास से पुरुषों का स्पर्म काउंट बढ़ता है और प्रजनन क्षमता भी बेहतर होती है।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की वेबसाइट www.drchanchalsharma.com पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।