fallopian tube blockage success story

Infertility Success Story- Rubina, 28yrs, Bihar, 7yrs, Tubal blockage

 

पेरेंट्स बनना हर दंपति का सपना होता है। पिछले कुछ सालों से हमारी बदलती जीवनशैली के साथ बदलती अनहेल्डी डाइट से निसंतानता की समस्या बढ़ती जा रही है। खराब लाइफस्टाइल के चलते शरीर में हर्मोनल डिसऑर्डर, मोटापा और ट्यूबल ब्लॉकेज जैसी समस्या को जन्म देता है। पहले 35 साल से ज्यादा उम्र महिलाओं में ये परेशानी देखी जाती थी। परंतु अब 25 से 30 साल की महिलाएं भी इस समस्या से ग्रस्त है। 

 

आजकल कितनी ही महिलाएं गर्भवती होने की कोशिश करती है लेकिन इसमें सफल नहीं हो पा रही है। अक्सर तनाव रहता है और गर्भधारण करने के लिए मन में कई सवाल भी रहते है। इसकी सही और पूरी जानकारी ना होने के कारण तनाव की स्थिति दंपति में बनी रहती है। अगर सही समय पर लक्षणों का पता चले तो इसका इलाज किया जा सकता है। ऐसी ही एक कहानी बिहार की रहने वाली रुबीना की है जिसकी उम्र 28 साल की है। शादी के सात साल बाद भी कंसीव करने में असमर्थ रही। 

 

इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही रुबीना ने शादी के बाद सात साल से ज्यादा समय तक असुरक्षित सेक्ससुल इंटरकोर्स करने के बाद भी कंसीव नहीं किया था। जिसके चलते हर समय वो तनाव में रहने लगी थी। कई डॉक्टरों से कंस्लट किया इलाज भी करवाया लेकिन उनकी समस्या का कोई हल नहीं मिला।

जब डॉक्टर ने एचएसजी टेस्ट करवाने के लिए बोला तब पता चला की दोनों ट्यूब ब्लॉक है। डॉक्टर का कहना था की ज्यादातर महिलाओं को तो पता ही नहीं चलता की उनकी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक है जब तक गर्भधारण का प्रयास नहीं करती है। साथ ही डॉक्टर ने आईवीएफ और लैकोस्कोपी करवाने की सलाह दी जिसमें लाखों रुपयें खर्च होने के बाद भी कोई सही परिणाम नहीं मिलेगा।  

 

ये खबर सुनकर रुबीना की उम्मीद पूरी तरह से टूट चुकी थी। हर संभव इलाज के बाद पता चलता है की फैलोपियन ट्यूब ही ब्लॉक है। घरवाले, रिश्तेदार और दोस्तयार से मिलते थे तो सबका यही सवाल रहता था कि खुशखबरी कब सुना रहो हो। शादी को इतने साल हो गए अब बच्चा नहीं करोगे तो कब करोगे। सब लोग उनको गलत नजर से देखने लगे थे। तब इतना परेशान होने की बाद गुगल पर आयुर्वेदिक इलाज के बारे में रिसर्च किया तो मालूम हुआ बिना सर्जरी के आशा आयुर्वेदा में मेरी परेशानी का इलाज मौजूद है।     

 

जब यहां आए तो डॉक्टर ने मेरी रिपोर्ट देख के मुझे आशवासन दिया की मुझे धैर्य से काम लेना चाहिए। हम पर विशवास रखें आपकी स्थिती गंभीर है लेकिन ऐसी भी नहीं है की इलाज ना हो सकें। थोड़ा समय लगेगा पर आपको रिजल्ट खुद ही दिखने लगेंगे। डॉक्टर ने आयुर्वेद दवाइंयों के साथ मेरे लिए डाइट चार्ट भी तैयार करके दिया साथ ही मुझे कुछ योगासन भी बताएं जिसे अपना के कुछ महीनों में ही मैंने नेचुरल तरीके से कंसीव कर लिया। रुबीना और उनके पति के लिए खुशी का ठिकाना नहीं है जब उन्हे पता चला की आयुर्वेद से शादी के सात साल बाद मां बनने का सुख मिला। ना जाने रुबीना ने कितने दिनों से इस पल का इंतजार किया था। आयुर्वेद के इलाज से उनका घर बरबाद होने से बच गया। आशा आयुर्वेदा के ज़रिये निसंतान रुबीना ने अपने जीवन में संतान सुख पा सकी हैं।