बिना सर्जरी बंद फैलोपियन ट्यूब खोलने का आयुर्वेदिक उपचार
फैलोपियन ट्यूब दो पतली ट्यूब होती हैं, जो महिला गर्भाशय के प्रत्येक तरफ एक होती हैं। इसका कार्य परिपक्व अंडे को अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाने में मदद करती हैं। जब कोई रुकावट अंडे को ट्यूब से नीचे जाने से रोकती है, तो एक महिला में एक अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब होती है। जिसे ट्यूबल फैक्टर इनफर्टिलिटी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक या दोनों तरफ हो सकता है और 30% तक बांझ महिलाओं में बांझपन का कारण फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज होता है।
बंद फैलोपियन ट्यूब वाली महिलाओं को वैसे तो बंद फैलोपियन ट्यूब के लक्षण समझ में नही आते हैं। कि उनकी ट्यूब बंद है। परंतु यदि महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत, अनियमित पीरियड्स, पीसीओडी, हाइड्रोसालपिंक्स, लो एएमएच या अन्य कोई प्रजनन संबंधित समस्याएं आती है। तो मन में ट्यूबल ब्लॉकेज के बंद होने के विचार मन में आते है।
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अगर ट्यूब बंद है तो क्यों नही होती है प्रेगनेंसी ?
हर महीने, जब महिला को ओव्यूलेशन होता है। तो अंडाशय में से एक से एक अंडा निकलता है। अंडा अंडाशय से, ट्यूबों के माध्यम से, और गर्भाशय में जाता है। अंडे तक पहुंचने के लिए शुक्राणु को गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) से, गर्भाशय के माध्यम से और फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से तैरने की भी आवश्यकता होती है। फर्टिलाइजेशन (निषेचन) आमतौर पर तब होता है जब अंडा ट्यूब के माध्यम से यात्रा कर रहा होता है।
परंतु यदि एक या दोनों फैलोपियन ट्यूब में से कोई एक या फिर दोनों बंद है। तो अंडा गर्भाशय तक नहीं पहुंच सकता है, और शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच सकता है, जिससे फर्टिलाइजेशन और गर्भावस्था को रोका जा सकता है। निषेचन की प्रक्रिया तभी बाधित होती है। जब ट्यूब पूरी तरह से बंद होती है। परंतु केवल आंशिक रूप से ट्यूब के खुली होने पर यह एक ट्यूबल गर्भावस्था, या अस्थानिक गर्भावस्था के जोखिम बढ़ जाता है। क्योंकि ऐसे केशों में फैलोपियन ट्यूब में ही प्रेगनेंसी हो जाती है। जिसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते है । एक्टोपिक प्रेगनेंसी फैलोपिनय ट्यूब और प्रजनन के लिए बहुत बड़ा खतरा बनती है। क्योंकि इसके कारण ट्यूब के फटने तक की संभावना बन जाती है।
फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर महिलाओं के शरीर में कैसे लक्षण होते है ?
महिलाओं का शरीर कोई ऐसा लक्षण नही देता है। जिससे 100 प्रतिशत पुष्टि हो सके कि इनकी फैलोपियन ट्यूब बंद है। परंतु ऐसा आमतौर होता नही है। इसलिए महिलाओं के प्रजनन से जुड़ी कई परेशानी आती है। जो गर्भधारण में रुकावट होती है। कुछ ऐसे लक्षण है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है। कि महिला की फैलोपियन ट्यूब बंद है।
- अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब का पहला "लक्षण" अक्सर निःसंतानता होता है। यदि आप एक वर्ष के प्रयास के बाद भी गर्भवती नहीं होती हैं (या छह महीने के बाद, यदि आपकी उम्र 35 वर्ष या उससे अधिक है), तो आपका डॉक्टर अन्य बुनियादी प्रजनन परीक्षण के साथ-साथ आपकी फैलोपियन ट्यूब की जांच के लिए HSG Test की सलाह दे सकता है।
- एक विशिष्ट प्रकार की अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब जिसे हाइड्रोसालपिनक्स कहा जाता है, पेट के निचले हिस्से में दर्द और असामान्य योनि स्राव का कारण हो सकता है, लेकिन हर महिला में ये लक्षण नहीं होंगे। हाइड्रोसालपिनक्स तब होता है जब एक रुकावट के कारण ट्यूब फैल जाती है और तरल पदार्थ से भर जाता है। द्रव अंडे और शुक्राणु को रोकता है, निषेचन और गर्भावस्था को रोकता है।
- यदि महिला के पीरियड्स अनियमित होते हैं। तो वह ओलुलेट नही करती अर्थात उसमें ओवुलेशन की प्रक्रिया नही हो पाती है। जो बंद फैलोपियन ट्यूब का लक्षण हो सकता है ।
- हालांकि, बंद फैलोपियन ट्यूब के कुछ अपने लक्षण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, एंडोमेट्रियोसिस और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) के कारण दर्दनाक माहवारी और दर्दनाक संभोग हो सकता है।
पैल्विक संक्रमण का संकेत देने वाले लक्षणों इस प्रकार से भी हो सकते है -
- सामान्य श्रोणि दर्द
- संभोग के दौरान दर्द
- दुर्गंधयुक्त योनि स्राव
- अधिक बुखार
- मतली और उल्टी
- गंभीर निचले पेट या पैल्विक दर्द इत्यादि लक्षण बंद फैलोपियन ट्यूब के हो सकते है।
तीव्र पैल्विक संक्रमण प्रजननन स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। यदि आपको तेज बुखार या तेज दर्द है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
फैलोपियन ट्यूब को खोलने का आयुर्वेदिक उपचार -
आज के समय की अधिकांश महिलाएं फैलोपियन ट्यूब के बंद हो जाने पर इनफर्टिलिटी की चपेट में आ रही है। बंद फैलोपियन ट्यूब से आयुर्वेदिक उपचार बिना किसी दुष्प्रभाव के निजात दिलाने में पूरी तरह सफल है। आयुर्वेद के अनुसार यदि महिलाओं के शरीर के वात दोष, पित्त दोष और कफ दोष असंतुलित हो जाते है । तो महिलाओं में इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं होती है। उन समस्याओं में से ट्यूबल ब्लॉकेज एक प्रमुख समस्या है। जिससे 40 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित है और यह निःसंतानता का सबसे बड़ा कारण होता है।
आयुर्वेदिक उपचार के अंतर्गत महिलाओं को हर्बल औषधियों के साथ-साथ योग, दिनचर्या पालन, डाइट (आहार), शारीरिक गतिविधियां एवं प्राणायाम करना अनिवार्य होता है। ताकि औषधियों का असर महिला स्वास्थ्य पर सबसे जल्दी और प्रभावी हो।
वैसे तो हर किसी के लिए संतुलित आहार (बैलेंस डाइट) जरुरी है ऐसा आयुर्वेद कहता हैं। परंतु यदि किसी कारण वस ऐसा नही हो पा रहा है। तो आप यदि प्रेगनेंसी प्लान कर रही है। या फिर आप ट्यूबल ब्लॉकेज का आयुर्वेदिक उपचार कर रही है। तो पौष्टिक और संतुलित आहार की ओर कदम बढ़ाए । यह आपको ट्यूब ब्लाकेज को खोलने का कार्य करेंगे और बंद होने से रोकेंगे।
ट्यूबल ब्लॉकेज के केश में आयुर्वेदिक चिकित्ससक आपको एलोवेरी जूस, विटामिन सी, घृतकुमारी लेने की सलाह के साथ पंचकर्म की उत्तर बस्ती की सलाह कर सकते है।