गर्भधारण (Pregnancy) के लिए अंडे का आकार (agg size) कितना होना चाहिए ?
मातृत्व के सफर का आनंद हर महिला के जीवन में खास होता है। परंतु कुछ स्वास्थ्य कारणों की वजह से कुछ महिलाएं इस मातृत्व सुख से वंचित रह जाती है। संतान सुख के लिए महिलाएं हर महीने ओव्युलेश के दौरान जो एग रिलीज करती है। उनकी साइज बहुत ही मायने रखती है। इन एग की साइज के आधार पर महिलाएं प्रेगनेंसी कंसीव करती है। जो महिलाएं गर्भवती होना चाहती हैं, उनके लिए एग साइज बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि एग साइज ठीक नही है तो बांझपन की बहुत अधिक संभावना होती है।
महिलाओं के अंडाशय में बनना वाला अंडा कंसीव करने के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। क्योंकि यही अंडा पुरुष शुक्राणु के साथ मिलकर भ्रूण का निर्भाण करता है। परंतु यदि किसी कारण से यह एग साइज में छोटा होता है। तो प्रेगनेंसी में दिक्कत आने लगती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर अक्सर कहते है, कि एग साइज ठीक नही होने के कारण आपको प्रेगनेंसी में परेशानी आ रही है।
क्या अंडे का साइड गर्भधारण करने के लिए जरुरी है ?
स्त्री रोग विशेषज्ञों (gynecologists) के अनुसार फर्टिलिटी के लिए अंडे का साइज बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यदि किसी स्त्री का एग का साइज अच्छा है तो फर्टिलाइजन की प्रक्रिया आसानी से साथ हो जाता है। जिससे स्वस्थ भ्रूण बनता है। एग का साइज यदि बेहतर है, तो शुक्राणु को निषेचन में बिल्कुल भी परेशानी नही होती है । और फिर एक स्वस्थ भ्रूण तैयार होता है।
प्रेगनेंसी के लिए अंडे का साइज कितना होना चाहिए ?
आधुनिक विज्ञान के शोद और अध्ययन बताते है, कि यदि एग का व्यास (Egg diameter) 18 mm से 20 mm के बीच पहुंच जाता है। तो ऐसे अंडे निषेचन के लिए पूरी तरह से तैयार माने जाते है। जो अंडे इस मापदंड को पूरा कर लेते है। तो प्रेगनेंसी के लिए उनकी क्वालिटी सर्वोत्तम मानी जाती है। ऐसे में भ्रूण निर्माण आसान हो जाता है। कुछ अध्ययनों में बताया गया है कि यदि अंडे का व्यास 23 से 28 mm हो जाता है। तो ऐसी अवस्था में प्रेगनेंसी की संभावना कई गुना अधिक हो जाती है।
क्या एग साइज कम होने पर भी प्रेगनेंसी संभव है ?
कम साइज वाले अंडों को फर्टिलाइज करने में मुश्किल होती है। कम आकार वाले अंडे में अच्छी गुणवत्ता नही होते है और प्रजनन क्षमता में भी कमी होती है। प्रजनन क्षमता अंडो के आकार पर निर्भर करती है। बहुत ही कम ऐसे केश देखने को मिलते है, जिसमें कम साइज के अंडों के साथ प्रेगनेंसी हो जाती है। परंतु ऐसी प्रेगनेंसी के गर्भपात की सबसे ज्यादा संभावना होती है। और यदि प्रेगनेंसी सक्सेस भी हो गई तो आगे चलकर बच्चें में बहुत सारी अनुवांशिक समस्याएं होने का डर रहता है।
प्रेगनेंसी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा की मदद से कैसे बनाएं एग की क्वालिटी बेहतर ?
गर्भधारण करने के लिए अंडे की गुणवत्ता में सुधार करना बहुत ही जरुरी होता है। आयुर्वेदिक उपचार को अपनाकर आप एग क्वालिटी को इम्प्रव कर सकती है।
- सबसे पहले आपको लाइफस्टाइल और डाइट पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
- शरीर में रक्त का संचार सुचार रुप से करने के लिए कुछ व्यायाम एवं योग करना चाहिए। क्योंकि यदि ओवरी में आक्सीजन का प्लो अच्छा रहेगा । तो अंडे की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- हेल्दी और पौष्टिक डाइट पर विशेष जोर देना चाहिए। हेल्दी डाइट में आपको खूब सारे फल एवं सब्जियों को शामिल करना चाहिए। आयुर्वेद हमेशा से ही हेल्दी डाइट पर जोर देता आया है। क्योंकि इससे न केवल आपकी प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) बढ़ती है । बल्कि समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- वजन को नियंत्रित रखें - अनियंत्रित वजन आपकी फर्टिलिटी में बहुत बड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए अपने वजन को कंट्रोल करके रखना चाहिए। इसके लिए आपको एक्सरसाइज एवं कुछ शारीरिक गति विधि से जुड़े कार्यों में खुद को संलग्न रखना चाहिए।
- धूम्रपान से पूरी दूरी बनाएं - धू्म्रपान हर किसी के लिए खतरनाक है। इसलिए भूलकर भी इसके सेवन नही करना चाहिए। सर्वे बताते है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं के अंडे बहुत ही खराब क्वालिटी के होते है । जिससे वह माँ बनने में असमर्थ हो जाती है।