संतान प्राप्ति के लिए आयुर्वेद में बेहतर उपचार संभव- Ayurvedic treatment for infertility
प्रकृति ने हमें अनमोल उपहार दिया है जिससे हम परिवार को आगे बढ़ाने और जीवन में संतान की खुशी का अनुभव करते हैं। लेकिन किसी वजह से एक दंपति को यह आशीर्वाद नहीं मिल पाता क्योंकि उन्हें निसंतानता का सामना करना पड़ता है। आज की इस भागदौड़ भरी जीवनशैली में निसंतानता की समस्या काफी आम हो गई है। विषशेज्ञों का मानना है कि निसंतानता की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते है।
जैसे कि खानपान, जीवनशैली, वातावरण, पारिवारिक कारण और सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस है। आज के इस समय में हर दूसरा-तीसरा व्यक्ति स्ट्रेस की समस्या से जुझ रहा है। माता-पिता बनने की यात्रा शुरू करना दुनिया भर में अनगिनत जोड़ों के लिए एक सपना होता है। लेकिन आज भी कई शादीशुदा जोड़े ऐसे हैं जो सालों की कोशिशों के बावजूद संतान प्राप्ति के परम सुख से वंचित हैं। क्योंकि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की 10-14% आबादी निसंतानता से पीड़ित है जिसके कारण उनका आंगन कई सालों से निसंतानता का शिकार है। क्योंकि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की 10-14% आबादी निसंतानता से पीड़ित है जिसके कारण उनका आंगन कई सालों से निसंतानता का शिकार है। आज इस लेख के माध्यम से जानेगे कि कैसे निसंतानता का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for infertility) किया जाता है।
निसंतानता का आयुर्वेदिक इलाज- Ayurvedic treatment for infertility
आज के सयम लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए मेहेंगे से मेहेंगे एलॉपैथी इलाज जैसे आईवीएफ, आईयूआई और लैप्रस्कोपी करवाते है, लेकिन इतनी कोशिशों और पैसे बर्बाद करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं मिलता है। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कहते हैं कि अगर एक रास्ता बंद हो जाए तो भगवान अपने आप दूसरा रास्ता खोल देते हैं। एलोपैथी में इलाज नहीं तो फिर क्या? आज के समय में हर किसी अपना बच्चा होने की चाहत होती है कि हर तरीके अपना लेते है लेकिन हम आयुर्वेद इलाज को भूल जाते है। कई लोगों को आयुर्वेद भी है सुनने में थोड़ा अजीब सा लग सकता है और ये भी की आयुर्वेद इलाज (treatment for infertility in hindi) से इनफर्टिलिटी का इलाज किया जाता है।
ऐसा आयुर्वेद में पंचकर्म उपचार ने इसे संभव बना दिया है। आयुर्वेद इलाज ने बहुत से चिंतित लोगों के जीवन में आशा की किरण जगाई है। यहां आईवीएफ जैसे इलाज में भी ये लोग आयुर्वेदिक दवाओं का ही इस्तेमाल करते हैं।
आयुर्वेद इलाज (ayurvedic treatment for fertility) की सबसे खास बात यही है कि आईवीएफ जैसे मंहगे इलाज के मुकाबले काफी सस्ता है और जहां एलोपैथी में सफलता दर केवल 20-30% है, वहीं आयुर्वेद में सफलता दर 90% है।
आयुर्वेद निसंतानता को एक ऐसी स्थिति के रूप में वर्णित करता है जिसमें महिला और पुरुष दोनों कई कारकों के कारण होने वाली बायोलॉजी अक्षमता के कारण गर्भधारण नहीं कर पाते है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात, पित्त और कफ के असंतुलन होने के कारण निसंतानता की समस्या उत्पन्न होती है। एलोपैथी उपचार की लंबी प्रक्रिया, अप्राकृतिक महँगी दवाएँ और तकनीकी उपचार रोग को और अधिक जटिल बना देते हैं। ayurvedic treatment for fertility बेहद ही सरल और कुदरती ढंग से सम्भव है।
गर्भधारण न होने के कारण और उपचार
विशेषज्ञों का मानना है कि आज कल लोगों की खराब जीवनशैली और खानपान भी ऐसा हो गया है कि उन्हें ऐसी समस्या हो गई है। जिन्हें वह शुरुवाती तौर पर नजरअंदाज करती है बाद में ही फिर उनका गर्भधारण पर गहरा असर डालती है।
आमतौर पर निसंतानता की समस्या सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी हो सकती है। हालांकि, ज्यादातर महिलाओं में निसंतातनता का मुख्य कारण फैलोपियन ट्यूब में रुकावट, कम एएमएच, एंडोमेट्रिओसिस, पीसीओडी, पीसीओएस और अन्य निसंतानता की समस्या है, जिसके कारण गर्भधारण संभव नहीं हो पाता है।
पुरुष निसंतानता आमतौर पर उन समस्याओं के कारण होता है जब शुक्राणु का उत्पादन या गुवतता प्रभावित होती हैं जिनमें वैरीकोसेल, संक्रमण, स्खलन समस्याएं, ट्यूमर, हार्मोन असंतुलन, शुक्राणु परिवहन करने वाली नलिकाओं के दोष आदि शामिल हैं।
ayurvedic treatment for fertility के लिए पहले शरीर में किसी भी असामान्य कार्य का मुख्य कारण पता करते है। जिसमें शरीर की पाचन अग्नि का खराब होना और त्रिदोष दुष्ति जैसे कि शरीर के तीन नियामक कारकों का खराब होना शामिल है।
आयुर्वेद शरीर की स्वयं-चिकित्सा और संतुलन तंत्र को मजबूत करके स्वास्थ्य का समर्थन करता है और शरीर में हार्मोन को बदलने या सही करने के लिए किसी बाहरी या विदेशी पदार्थ के हस्तक्षेप पर निर्भर नहीं करता है। यह व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से समग्र रूप से निसंतानता के उपचार पर केंद्रित है।
पुरुष निसंतानता के लिए आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic Treatment for Male Infertility
ayurvedic treatment for infertility की आठ प्रमुख विशेषताओं में से, पुरुषों में वाजीकरण यौन कल्याण से संबंधित है। पुरुषों में निसंतानता के आयुर्वेदिक उपचार में शामिल हैं -
- पंचकर्म थेरेपी: आयुर्वेद में सबसे प्रतिष्ठित उपचारों में से एक, निसंतानता के लिए पंचकर्म उपचार का उद्देश्य दोषों में संतुलन वापस लाना और समग्र कल्याण को बढ़ावा देना है। पुरुष निसंतानता के इलाज (ayurvedic treatment for male infertility) के लिए अनुशंसित कुछ पंचकर्म थेरेपी बस्ती और शोधन हैं।
- योगासन: रोजाना आपको इन निम्नलिखित योगासनों को शामिल करना जिससे निसंतानता का आयुर्वेदिक इलाज में संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है - पद्मासन (कमल मुद्रा), भुजंगासन (कोबरा मुद्रा), सर्वांगासन (कंधे पर खड़ा होना), पश्चिमोत्तानासन (आगे की ओर झुकना) , परिवृत्त त्रिकोणासन (मुड़ी हुई त्रिकोण मुद्रा)।
- आयुर्वेदिक औषधियां: आयुर्वेद में पुरुष बांझपन के इलाज के लिए विभिन्न द्रव्यों या औषधियों का उपयोग किया जाता है, जैसे:
- वीर्य बढ़ाने के लिए दूध, घी, शतावरी, अश्वगंधा।
- वीर्य को शुद्ध करने के लिए गन्ना और कुष्ठ।
- ब्राह्मी, शतावरी और गुडुची जैसी जड़ी-बूटियाँ निषेचन क्षमता में सुधार करती हैं।
- कामेच्छा में सुधार के लिए केसर, लहसुन, पिप्पली, लवंगा आदि का उपयोग किया जा सकता है।
- जायफल, अश्वगंधा और चंदना द्रव्य शीघ्रपतन को रोकने के लिए काफी अच्छा काम करते हैं।
महिला निसंतानता के लिए आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद में बताया गया है, पुरुषों और महिलाओं दोनों का प्रजनन स्वास्थ्य शुक्र धातु या प्रजनन ऊतकों की स्थिति पर निर्भर करता है। शुक्र धातु महिलाओं में एग के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है, और यह कई कारणों से प्रभावित हो सकता है जैसे संतुलित आहार की कमी, शारीरिक या मानसिक बीमारी, खराब पाचन, आदि जो प्रजनन चैनलों में बाधा डाल सकते हैं। ओव्यूलेशन में सुधार और महिलाओं में निसंतानता का इलाज करने के लिए अपनाए जाने वाले कुछ प्राकृतिक उपचार हैं:
- पंचकर्म थेरेपी: आयुर्वेद में सबसे प्रतिष्ठित उपचारों में से एक, निसंतानता के लिए पंचकर्म उपचार का उद्देश्य दोषों में संतुलन वापस लाना और नेचुरल तरीके से गर्भधारण करना (natural treatment for infertility), शरीर में सभी फंक्शन को संतुलित रखती है। आयुर्वेदिक इलाज में महिला निसंतानता (ayurvedic treatment for female infertility) के लिए अनुशंसित कुछ पंचकर्म थेरेपी हैं उत्तर बस्ती, वमन, विरेचन, स्वेदानम, शिरोधारा और शोधन।
- फर्टिलिटी मालिश: यह मालिश अंडों में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने के साथ-साथ गर्भाशय में रुके हुए रक्त और ऊतकों को बदलने के लिए की जाती है। इसके अलावा, यह फैलोपियन ट्यूब के रास्ते में आने वाली किसी भी रुकावट को भी दूर करता है।
- स्वस्थ आहार: जितना संभव हो सके स्वस्थ आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है अन्यथा इससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह शरीर में नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। कुछ चीजें जिन्हें आहार में शामिल किया जाना चाहिए वे हैं दूध, नट्स, घी, खजूर, केसर, बीन, मटर, शहद और हल्दी और जीरा जैसे मसाले।
हार्मोन को संतुलित करने के लिए व्यायाम: नियमित व्यायाम के लिए समय निकालने से शरीर स्वस्थ रहता है और हार्मोन संतुलित रहता है। इससे गर्भधारण की संभावना भी बढ़ जाती है।
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