Apart from periods, severe pain also occurs on this day of the month, know what is the reason?

पीरियड्स के अलावा महीने में इस दिन भी होता है तेज दर्द

आज दुनिया भर में इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही ज्यादा महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से परेशान है। विश्व स्तर की बात करें तो आंकड़े बताते है कि लगभग 40 फीसदी महिलाओं को गर्भधारण में परेशानी आती है। हर साल में 10 में से 1 महिला एंडोमेट्रियोसिस से ग्रस्त होती है। जिसमें सबसे ज्यादा 18 से 35 साल की उम्र की महिलाओं शामिल होती है। इसका मुख्य कारण पेटदर्द और गर्मधारण न कर पाना है। 

इस समस्‍या के होने पर गर्भ (एंडोमेट्रियम) को ढकने वाली टिशूज ओवरीज या गर्भाशय के आसपास जैसी असामान्य जगहों पर विकसित होने लगती हैं। पीरियड्स के दौरान खून के गहरे थक्के ओवरीज में जमा होने लगते हैं और पेल्विक और आस-पास खून के धब्बे जमा हो जाते हैं, जिससे आंतों, ट्यूब्स और ओवरीज आपस में चिपक जाती हैं। यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे ट्यूब्स और ओवरीज को नुकसान पहुंचता है, जो इंफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। आज इस आर्टिकल में एंडोमेट्रिओसिस बीमारी क्या है, इसके लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और नुकसान के बारे में सबकुछ जानेगे।  

 

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एंडोमेट्रियोसिस क्या है- Endometriosis Kya Hai

एंडोमेट्रियोसिस एक गर्भाशय में होने वाली समस्या है। जिसमें गर्भाशय की लाइनिंग बनाने वाले ऊतक से मिलता हुआ ऊतक गर्भाशय की गुहा के बाहर विकसित होने लगता है। गर्भाशय की लाइनिंग को एंडोमेट्रियम कहते हैं। जब ओवरी, बाउल और पेल्विस की लाइनिंग के ऊतकों पर एंडोमेट्रियल टिश्‍यू विकसित होने लगते हैं, तब एंडोमेट्रियोसिस की समस्‍या उत्‍पन्‍न होती है। कुछ मामलों में यह अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को भी प्रभावित करने लगते है। 

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण- Endometriosis ke Lakshan

अकसर कुछ महिलाओं को कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। फिर भ एंडोमेट्रियोसिस के खास लक्षण में शामिल हैं- 

  • पेट, पीठ के निचले हिस्से या श्रोणि क्षेत्रों में दर्द
  • बांझपन की समस्या
  • पीरियड्स में हेवी ब्लीडिंग
  • दर्दनाक पीरियड्स और ऐंठन
  • सेक्स के दौरान दर्द
  • थकान, दस्त, कब्ज
  • सूजन और असामान्य थाकन भी अनुभव कर सकती है।
  • पेशाब में जलन होना या पैशाब के समय दर्द होना
  • ब्लड सेल्स या एंडोमेट्रियल नसों का शरीर के अंदर अन्य भागों में फैलना
  • एंडोमेट्रियल टिश्यू की परत टूटने से ब्लीडिंग होना
  • इसके अलावा पीरियड्स के समय कुछ दवाई लेना भी इसका कारण बन सकती है
  • बिना पीरियड्स के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना
  • पीरियड्स से पहले और दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
  • पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना
  • मतली जैसा लगना
  • शरीर में एनर्जी की कमी होना
  • सेक्स करते समय दर्द होना
  • मूत्र और गुदा से खून आना
  • कब्ज की समस्या रहना
  • जमे हुए खून के कारण श्रोणी में एंडोमीट्रियल सिस्ट बनना
  • सी-सेक्शन जैसी सर्जरी के बाद घाव में एंडोमेट्रियल नसों का जुड़ना

एंडोमेट्रियोसिस के कारण- Endometriosis ke Karan

एंडोमेट्रियोसिस के कारण फैलोपियन ट्यूबों और अंडाशयों और अंडे की गुणवत्ता में कमी हो सकती है। इसके कारण प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। हालांकि एंडोमेट्रिओसिस का सही कारण निश्चित नहीं है लेकिन निम्नलिखित में से कुछ स्थितियां इसका कारण​ हो सकती हैं -  

  • एंडोमेट्रियोसिस में पीरियड्स के दौरान अधिक ब्‍लीडिंग और दर्द का भी कारण होता है। इसके कारण महिलाओं को भारी परेशानी उठानी पड़ती है, वहीं दूसरी और यह इंफर्टिलिटी का कारण भी बन सकता है। यह समस्‍या किसी बाहरी संक्रमण के कारण न होकर शरीर की आंतरिक प्रणाली में कमी के कारण होता है।
  • इम्‍यून सिस्‍टम में समस्या आने से, शरीर गर्भाशय से बाहर बढ़ने वाले एंडोमेट्रियल टिश्यू को बाहरी तत्व मानकर नष्ट करने लगते है।
  • हिस्टेरेक्टॉमी, सी-सेक्शन जैसी सर्जरी के बाद हुए घाव में एंडोमेट्रियल कोशिकाएं जुड़ सकती हैं।
  • पीरिय्डस के दौरान होने वाली ब्लीडिंग, एंडोमेट्रियल टिश्यु परत के टूटने से होती है। लेकिन यहीं ब्लड शरीर के बाहर जाने के बजाय डिम्ब नली से पेल्विक केविटा में जमा होने लगता है। इस स्थिति को ट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन कहा जाता है।
  • ब्लड सेल्स, एंडोमेट्रियल कोशिकाओं के शरीर के अंदर अन्य भागों में फैलने के कारण।
  • किसी अन्य बीमारी में ली जा रही दवा जो कि पीरियड्स होने पर रुकावट करें।
  • अस्थाई रूप से और मेनोपॉज के बाद हमेशा के लिए एंडोमेट्रियोसिस की समस्या खत्म हो जाती है। मेनोपॉज के बाद अगर एस्ट्रोजन या किसी अन्य प्रकार की हॉर्मोन थेरेपी लेती हैं तो भी एंडोमेट्रियोसिस की समस्‍या होने की संभावना रहती है।

एंडोमेट्रियोसिस के, इलाज, दवा और उपचार- Endometriosis ke Ilaj, Dawa Aur Upchar

बढ़ती एंडोमेट्रियम परत की वजह से प्रजनन अंगो पर असर पड़ने लगता है। जो आगे चलकर ट्यूब और ओवरी को नुकसान पहुंच सकता है। इसके इलाज की बात करें तो एलोपेथी के मुकाबले एंडोमेट्रियोसिस का नेचुरल ट्रीटमेंट (Endometriosis natural treatment in hindi) बहुत प्रभावी होता है।

आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी बूटियों और दवाओं का उपयोग करके एंडोमेट्रियोसिस का उपचार किया जाता है। इस पद्धति में एंडोमेट्रिओसिस आयुर्वेदिक डॉक्टर (Endometriosis doctor in delhi) मरीज का उपचार उसके स्थिति के आधार पर करते है। एंडोमेट्रियोसिस ट्रीटमेंट इन आयुर्वेद में औषधियां, हर्ब, काढ़ा और बहुत सारे रसायनों के द्वारा समस्या से निजात दिलाता है। पंचकर्म थेरेपी भी एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी को ठीक करने के लिए एक अच्छा विकल्प है। आयुर्वेदिक चिकित्सक एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति के आधार पर आयुर्वेदिक थेरेपी का भी सुझाव देते है।

आयुर्वेद आहार-विहार पर सबसे ज्यादा जोर देते है क्योंकि अधिकतर बीमारियों की जड़ हमारा भोजन तथा जीवन शैली ही होती है। इसलिए एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को अपने खानपान पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है। महिलाओं को अपने डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा हरी सब्जियाँ, पालक एवं एंटीऑक्सीडेंट भोज्य पदार्थो का सेवन जरुर करना चाहिए।

इसके साथ में अपने डाइट में आपको अनार, आवला, अंजीर, अलसी, छाछ और मौसमी के जूस का सेवन कर सकते है। साथ ही हसमस्या को दूर करने के लिए आप कैस्टर ऑयल से पेल्विक मसाज भी कर सकती है। इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी। इस सभी के अतिरिक्त आयुर्वेद में कुछ हर्बल सप्लीमेंट तथा योग-प्राणायाम है जो आपको एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से छुटकारा दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

एंडोमेट्रियोसिस से होने वाले नुकसान - Endometriosis se Hone Wale Nuksan

एंडोमेट्रियोसिस होने के कुछ नुकसान हो सकते हैं, जैसे - 

  • एंडोमेट्रियोसिस के कारण फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं। सर्जरी एंडोमेट्रिओसिस के पैच हटाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन इसकी गारंटी नहीं देती है कि आप इस प्रेग्नेंट हो सकेंगी। 
  • एढ़ीजन और ओवेरियन अल्सर ये दोनों तब उत्पन्न हो सकते हैं अगर एंडोमेट्रियोसिस ऊतक अंडाशय में या उसके पास है। इन्हें सर्जरी से हटाया जा सकता है लेकिन यह दुबारा वापिस आ सकते हैं। 
  • मूत्राशय और आंत्र सम्बन्धी समस्याएं मूत्राशय या आंत्र को प्रभावित करने वाले एंडोमेट्रियोसिस का उपचार करने में मुश्किल हो सकती है और इसे सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

इस लेख की जानकारी हमें Aasha Ayurveda डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे Aasha Ayurveda डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।