Republic Day 2020 पर विशेष
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज हमारा देश 71वा गणतंत्र दिवस जा रहा हैं । इस राष्ट्रीय उत्सव पर आशा आयुर्वेदा परिवार की ओर से आपको सभी पाठकों को बधाई एवं शुभकामनाएं
26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू किया गया और भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित की गई । इनसे पहले जब अंग्रेजी हुकूमत की जड़े भारत से उखड़ने लगी तो भारत में संविधान निर्माण की मांग जोरो से उठने लगी थी उसी कड़ी में मार्च 1946 को ब्रिटेन से कैबिनेट मिशन भारत में भेजा गया । जिसकी अध्यक्षता सर पैथिक लारैंस ने की तथा दो अन्य सदस्य सर स्टफर्ड क्रिम्स और ऐली अलेक्जेंडर थे ।
कैबिनेट मिशन की सिफारिश पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई 1946 में किया गया। संविधान सभा में कुल सदस्यों की संख्या कुल 389 निश्चित की गई। जिसमें से 292 ब्रिटिश प्रान्तों के प्रतिनिधि, 4 मुख्य कमिश्नर, एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया गया । तद्पश्चात संविधान सभा को स्वतन्त्र भारत के लिए संविधान का मसौदा तैयार करने का कार्य भार सौंपा गया। संविधान सभा का कार्यकारी अध्यक्ष श्री सचिदानन्द सिन्हा को बनाया गया था । परन्तु बाद में डा. राजेन्द्र प्रसाद जी अध्यक्ष बनाये गये। संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर को नियुक्त किया गया ।
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को सम्पन्न हुई । संविधान का मसौदा तैयार करने हेतु सभा के कुल ग्यारह सत्र आयोजित किए गये । जिसमें 165 दिन की अवधि लगी । आखिरकार 24 जनवरी सन् 1950 को समस्त माननीय सदस्यों ने तत्कालीन नवनिर्मित संविधान पर अपने-अपने हस्ताक्षर किए, और भारत की प्रशन्नता का वक्त 26 जनवरी सन् 1950 को आया । उस दिन 26 जनवरी सन् 1950 को भारत वर्ष एक गणतन्त्र राष्ट्र के रूप में उभर कर दुनिया के सामने आया। तब से अब तक समस्त देशवासी 26 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाते हैं ।
इस तरह आजाद भारत को को विश्व का सबसे बड़ा संविधान मिल गया । जिसमें हर नागरिक को अपना हक दिया गया । पर क्या आज हर नागरिक अपने हक का सही इस्तेमाल कर रहा है । आज हम जितने आजाद हैं उतने ही हम गुलाम हैं । आधुनिक भागमभाग भरी जिंदगी में हम गुलाम बनते जा रहे हैं । हम गुलाम हैं तकनीक के, हम गुलाम हैं अंग्रेजी दवाइयों के जिसे विभिन्न प्रकार की बीमारियों ने हमें जकड़ लिया है । आज हम सदियों पुरानी हमारी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को छोड़कर बेहताशा अंग्रेजी मेडिसिन के पीछे भागे जा रहे हैं । जिसे आपका दर्द तो ठीक हो जाता हैं मग़र उनके साइड इफेक्ट के रूप में सौ बीमारियों को निमंत्रण देते हैं ।
आज हमे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अपनाना चाहिए । जिसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है । आयुर्वेद से आपकी बीमारी जड़ से खत्म हो जायेगी । याद रखें हम आजाद का आनंद तभी उठा पायेंगे जब हम पूर्ण रूप से स्वस्थ होंगे ।
वन्स अगेन गणतंत्र दिवस 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं के साथ मैं डॉ चंचल शर्मा ...।
जय हिंद.. जय भारत