Pregnancy: Causes, Sign, Symptoms, Diagnosis, Treatment गर्भावस्था के कारण, संकेत, लक्षण, निदान और उपचार

आज हम बात करेंगे Pregnancy अर्थात गर्भावस्था से जुड़ी सभी जानकारीयों के बारें में कि Pregnancy क्या होती है?

Pregnancy के लक्षण क्या होते है? pregnancy ke lakshan kya hote hai?

Pregnancy के कारण क्या-क्या हो सकते है? pregnancy ke kaaran kya-kya ho sakate hai?

Pregnancy के Sign क्या होते है? pregnancy ke sign kya hote hai?

Pregnancy का निदान और उपचार कैसे किया जाता है?

pregnancy ka nidaan aur upachaar kaise kiya jaata hai?

 

इन सभी टापिकों की विस्तार से आज हम चर्चा करने वाले है। यह उन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो महिलाएं Pregnancy के बारे में जानना चाहती है और बच्चा पैदा करने की प्लानिंग भी कर रही है। अब बात करते है कि Pregnancy आखिर होती क्या है तो चलिए हम आपको बताते है कि जब किसी महिला को पीरियड्स आने बंद हो जाते है तो एक मोटा-मोटा अनुमान लगाया जा सकता है कि इस महिला को Pregnancy हो गई है परंतु यह संकेत पुरी तरह से कारगर नही है। क्योंकि कई बार तो ऐसा हो जाता है कि एक दो बार के पीरियड्स मिस हो जाते है और फिर भी Pregnancy नही आती है। इसके लिए सबसे अच्छा तारीका है कि आप Pregnancy test कर या फिर करवा लें जिससे पुरी तरह पुष्टि हो जायेगी कि आप Pregnant है। महिलाओं के संबंध में हम आपको कुछ ऐसे आंकड़ो की बात करते है कि शायद आप यकीन नही कर पायेंगे परंतु यह आंकडे पूरी तरह से सत्य है। चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञों की language में इसे Surprise pregnancy कहते है। दुनिया भर के विज्ञानिको ने एक सर्वे करके खुलासा किया जिनमें उन्होंने 7225 महिलाओं पर एक सर्व किया और पाया कि इन महिलाओं को pregnancy हो गई थी इसके बाद भी इन महिलाओं को पीरियड्स चल रहे थे। यही वजह है कि यह महिलाएं समझ नही पा रही थी कि वह गर्भवती है। इस समस्या के बारे में Gynecologists का कहना है कि Contraceptive pills लेने के बाद ऐसे केश ज्यादातर देखने को मिलते है। Pregnancy के लक्षण क्या होते है? pregnancy ke lakshan kya hote hai? आज कल Pregnancy का पता करने के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध है जिसके द्वारा आप आसानी से पता कर सकती है कि आप Pregnant है। इसके अलावा भी बहुत लक्षण भी है जो यह बताते है कि आपकी Pregnancy चल रही है। परंतु गर्भधारण करने के साथ ही कुछ ऐसे शारीरिक बदलाव होते है जिससे आप जान सकती है कि Pregnancy चल रही है। 

1) Heavy breast – यह एक प्रकार का सामान्य लक्षण जो दर्शाता है कि आप में Pregnancy के लक्षण है। गर्भधारण करने के साथ ही शरीर में बहुत सारे हार्मोन में परिवर्तन होता है, जिससे breast में सूजन आ जाती है तथा भारीपन महसूस होने लगता है। 
 

2) Nipple color – Pregnancy के दौरान निप्पलस के कलर में बदलाव देखने को मिलता है,क्योंकि इस दौरान Hormonal change से melanocytes काफी प्रभावित होता है। 

 

3) Vomiting होना तथा मितली आना- Pregnancy के शुरुआती समय में महिलाओँ को कुछ ऐसा लगता रहता है जैसे उल्टी होने वाली हो और उल्टी होती भी है तथा मन मचलता रहता भी है। 

 

4) बार-बार Toilet जाना – आपको यदि पहले की आपेक्षा बार-बार Toilet जाना पड़ रहा है तो यह लक्षण भी Pregnancy के होते है क्योंकि इस दौरान महिलाओं की Kidney बहुत ज्यादा Active हो जाती है। 

 

5) Craving – क्रविंग के लक्षण अक्सर उन्हीं महिलाओं में देखने को मिलते है जो गर्भावस्था में पहुच जोती है क्योंकि ऐसा इसलिए होता है कि वह किसी विशेष चीज के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है और इस समय महिलाओं की Daily diet भी बढ़ जाती है।

 

6) Headache – गर्भधारण करने के बाद महिलाओं में बहुतायत सिर दर्द की समस्या बढ़ जाती है। यह ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान Blood volume बढ़ जाता है जो सिर दर्द की समस्या का कारण बनता है।

 

7) Constipation complaint – गर्भवती महिलाओं को ज्यादातर कब्ज की समस्या होती है। इस अवस्था में हार्मोन में चेंज होते है जो महिलाओं की digestion process को प्रभावित करते है। जिससे महिलाओं की digestion process काफी धीमी हो जाती है। इसलिए महिलाओं को कब्ज की परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

 

8) Body temperature and mood – गर्भवती महिलाओं का body temperature सामान्य temperature से अधिक होता है और साथ-साथ Mood भी changes होता रहता है। गर्भवती महिलाओं को काफी-काफी किसी चीज विशेष से लगाव हो जाता है और काफी-कापी उसी चीज से बहुत ज्यादा नफरत भी हो जाती है। 

Pregnancy के कारण क्या-क्या हो सकते है? pregnancy ke kaaran kya-kya ho sakate hai? 
माँ बनना हर महिला के लिए बहुत अहमियत रखता है क्योंकि विवाह के महिला का माँ बनना एक बहुत बड़ा सपना बड़ा होता है। ऐसी स्थिति में जब महिला पुरुष दोनो जब संबंध स्थापित करते है तो जिससे वह गर्भवती हो जाती है और इसी कारण महिला का गर्भधारण हो जाता है । गर्भधारण महिला और पुरुष से असुरक्षित संबंध बनाने के कारण होता है। परंतु यदि कोई महिला पुरुष सुरक्षित संबंध बनाने हो तो गर्भधारण नही होता है। डॉक्टरों के अनुसार गर्भधारण की एक आदर्श उम्र भी होती है जो 18 से 28 वर्ष के बीच होती है जिस मेडीकल जगत ने निर्धारित किया है। क्योंकि इस उम्र के अंतर्गत यदि पति-पत्नी सेक्स करते है तो गर्भ के 80 प्रतिशत ठहरने के चांस होते है। 

Pregnancy का निदान और उपचार कैसे किया जाता है? pregnancy ka nidaan aur upachaar kaise kiya jaata hai? 
गर्भावस्था महिला के जीवन के सबसे सुनहरे पलों में से एक होता है क्योंकि इस दौरान महिलाओं को बहुत सारे परिवर्तनों से होकर गुजरना पड़ता है। गर्भावस्था नौ माह की होती है और हर महीने महिलाओं को अलग-अलग बदलाओं होकर निकलना पड़ता है। यह पूरा गर्भकाल एक गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही नाजुक पल होते है। गर्भकाल के दौरान बहुत सारी परेशानियों भी होती है अगर इन परेशानियों को ध्यान में रखकर कुछ उपचार लिए जायें और पूरी सावधानियाँ बरती जायें तो काफी हद तक महिलाएं इन परेशानियों को कम सकती है। माँ बनना कुदरत के सबसे बड़े वरदानों में से एक माना गया है। हर किसी वरदान की प्राप्ति के लिए घोर तपस्या की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार जब एक महिला पूरे नौ महीनों तक इस पूरी चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया से गुजरती है तो वह किसी तपस्या से कम नही होती है। 

आयुर्वेद के अनुसार यदि गर्भवती महिलाएं आयुर्वेद के नुस्खों को अच्छे से पालन करती है तो बहुत ही आसानी से गर्भावस्था के दौरान आने वाली समस्याओं से निपट सकती है। 

A. गर्भावस्था में गर्भवती महिला के खान पान तथा हार्मोन में परिवर्तन होता है जिससे बहुत सारी महिलाओं में Diarrhea problem होती है तो ऐसे में इस समस्या के निदान के लिए Bread, Rice, Apples and Toast का ही सेवन करें। इस तरह की समस्या जितने दिनों तक हो उतने दिनों तक Milk or any milk diet का सेवन बिल्कुल न करें। एक दिन में दो से तीन बार एक चम्मच शहद को गुनगुने पानी से साथ मिलाकर पीने से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। नीबू पानी में थोडी से pepper powder और Honey मिलाकर पीने से काफी आराम मिलता है। दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें और अगर कोई समस्या अधिक प्रभावी होती है तो डॉक्टर की सलाह जरुर लें। 

B. Pregnancy के दौरान Piles होने का डर बना रहता है । Piles होने की समस्या नियमित रुप से खाना न खाने से होती है, इससे बचने के लिए diet में Apples, bananas, pears, sweet potatoes, carrots, oranges and pumpkins जैसे फलों एवं सब्जियों को जरुर शामिल करना चाहिए। Pregnancy में Spicy food से बहुत ही दूर रहना चाहिए अर्थात ऐसे भोजन को भूलकर भी नही करना चाहिए और यदि Piles हो जाता है तो tub में Lukewarm water भरकर सिकाई करने से काफी आराम मिलता है। 

C. Pregnancy के समय लगभग हर महिला को Constipation problem से होकर गुजरना पड़ता है । कब्ज की परेशानी ज्यादातर 1 से 3 माह बीच सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। यह समस्या इस समय इस लिए बढ़ जाती है क्योंकि इस समय महिलाएं Vomiting की वजह से ठीक से खान-पान नही कर पाती है और भोजन नियमित टाइम पर नही होता है इसलिए इस प्रकार की समस्याएं जन्म लेती है। इस समस्या के निदान के लिए दिन में पानी में नीबू मिलाकर पीएं और रसीले फलों का भी सेवन करें तथा ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार रात्रि में Isabgol सोते समय भी ले सकते है। 

D. कुछ गर्भवती महिलाओं को सर्दी-जुकाम तथा खासी-बुखार जैसी समस्या हो जाती है ऐसे में उन्हें आराम की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। ऐसे में दिन में तीन-चार बार पानी के भांप से आराम मिल सकता है। इसके अलावा गुनगुने पानी में हल्का सा नमक मिलाकर गरारा करने से काफी लाभ होता है।

 E. Pregnancy के टाइम में महिलाओं के पेट में गैस बनना, पेट में भारीपन महसूस होना इत्यादि सभी परेशानियां अक्सर देखने को मिलती है। इन परेशानियों से छूटकारा पाने के लिए अपने भोजन से तली हुई चीजों को अलग कर देना चाहिए और मसालेदार, तेलयुक्त भोजन से बिल्कुल त्याग देना चाहिए। इस प्रकार की समस्या के निदान के लिए एक छोटी चम्मच मेथी के दान रात में पानी में भिंगो दें और सुबह उठते है छान कर उसे पी लें। 

F. गर्भावस्था में Urine infection हो जाने का खतरा बना रहता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहें जिससे आपके शरीर के सभी प्रकार के Harmful elements बाहर निकलते रहें और आप इस तरह के infection से बचे सकें। जो फल में सब्जियाँ Vitamin-C से युक्त है उनका सेवन जरुर करें और इसके साथ-साथ आर दही एवं छाछ भी दोपाहर के समय ले सकती है।

 G. काफी-काफी क्या होता है कि गर्भवती महिलाओं के शरीर में आवश्यकता से ज्यादा Material (द्रव्य) एकात्रित हो जाता है और ऐसी स्थिति में महिला के शरीर में swelling की समस्या आ जाती है । इस swelling को दूर करने के लिए अधिक से अधिक पानी पीये जिससे कि आपके शरीर में पानी की मात्रा बनी रहेगी और सूजन में कमी होगी। भोजन को एक बार में खाने की कोशिश न करें इस थोड़ा-थोड़ा पाँच से छः बार में खाएं । 

H. Pre-eclampsia pregnancy एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें गर्भवती महिला का Blood pressure high होता है, जिससे गर्भ में ही Baby का विकाश रुक जाता है। ऐसी स्थिति का सामना यदि किसी गर्भवती को करना पडता है तो अपने भोजन में नमक का कम से कम सेवन करें। तला हुया तथा बाहर के खाने पर पुरी पाबंदी रखें और अपनी जीवन शैली में आराम को ज्यादा महत्व दें । विश्राम करते समय अपने पैरो के नीचे तकिया लगा लें और एक बात का ध्यान जरुर दें कि नौ महीनों में कैफीन का सेवन बिल्कुल भी न करें।