Home Remedies for Menstrual Cramps in Hindi

पीरियड्स का दर्द तो हर महिला की एक सामान्य समस्या होती है । इस समस्या से लगभग हर किसी महिला को गुजरना पड़ता है। कई महिलाएं अपने मासिक धर्म की शुरुआत में पेट या पेल्विक दर्द होने की शिकायत करती हैं। यह लक्षण हल्के असुविधा से लेकर गंभीर तक हो सकते है, जो 1 या 2 दिनों तक दर्दनाक, कमजोर करने वाली ऐंठन के रुप में उभर कर सामने आते है।ज्यादातर महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में ऐंठन का अनुभव होता है, हालांकि दर्द पीठ के निचले हिस्से, कमर, या ऊपरी जांघों तक भी फैल सकता है। पीरियड्स  का दर्द   शुरुआत में कुछ ज्यादा होता है और दिन बीतने के साथ ही यह कम होता चला जाता है। 

चिकित्सा  विभाग के सर्वे के अनुसार दुनिया की लगभग लाखों-करोड़ो महिलाएं पीरियड्स के दर्द से जूझ रही है। अधिकांश महिलाओं को इसकी जानकारी न होने के कारण उन्हें इसके बारें में पता ही नही चल पाता है। पीरियड्स में दर्द का मुख्य कारण एंडोमेट्रीओसिस होता है, जो महिलाओं में पेट दर्द तथा कमर दर्द की समस्या की मुख्य वजह बनता है । कभी-कभी पीरियड्स के दौरान यह दर्द एक बहुत बड़ी परेशानी बन जाता है। 


क्या है पीरियड्स में दर्द होने के कारण - 
अब हम यहां पर बात करते है कि  वह कौन से मुख्य कारण है जिसकी वजह से पीरियड्स में ज्यादा pain होता है। इस सबकी एक ही वजह है वह एंडोमेट्रीओसिस क्योंकि हर महीने इसमें कोई न कोई परिवर्तन जरुर होते रहते है और माहवारी के समय इसका कुछ हिस्सा रक्तस्राव के रुप में बाहर निकल जाता है। एंडोमेट्रीयम जब गर्भाशय के अतिरिक्त ओवरी, फैलोपियन ट्यूब तथा आंतो में विकसित हो जाती है, इस स्थिति को हम एंडोमेट्रीओसिस कहते है। एंडोमेट्रीयम  की प्रवृत्ति सिकुड़ने की होती है इसलिए इन अंगो में ऐसा महसूस होने लगता है। जो दर्द की परेशानी का कारण बनते है।

पीरियड्स के दौरान दर्द और भी कारण है जैसे जब Uterus में  muscles सिकुड़ने लगती है, तो गर्भाशय भी  सिकुड़ता जाता है जो Blood vessels पर दबाव बनाता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और इसी वजह से दर्द महसूस होने लगता है। 


पीरियड्स के दर्द के लक्षण - 
 पीरियड्स के कुछ समय पहले अक्सर महिलाओं को अहसास होने लगता है कि उनके पीरियड्स शुरु होने वाले है। इसको प्रीमेन्स्ट्रूयल सिंड्रोम कहा जाता है, इसमें मूड तथा व्यवहार में काफी परिवर्तन देखने को मिलते है तथा इसके साथ-साथ शारीरिक परेशानी भी शामिल रहती है। 

 

पीरियड्स में शारीरिक तथा व्यवहारिक दोनों प्रकार के लक्षण देखने को मिलते है जैसे कि अगर शारीरिक लक्षणों की बात की जायें तो पैर में सूजन, सिर में दर्द, हाथ पैर में सूजन , वजन बढ़ना, जोड़ो में दर्द , पीठ में दर्द तथा कमर में दर्द इसके आम लक्षण है जो माहवारी के दौरान एक महिला के अंदर देखे जाते है। 

पीरियड्स के दौरान महिला के व्यवहारिक लक्षणों की चर्चा करें
 तो महिलाओं के स्वभाव में चिडचिड़ापन और उदासी बनी रहती है। किसी न किसी बात को लेकर गुस्सा हो जाना एक सामान्य आदत सी बन जाती है। भूलने की बीमारी जैसी भी होने लगती है तथा अकेलापन भी महसूस होने लगता है। सेक्स की इच्छा का कम हो जाना और भूख में वृद्धि भी हो सकती है।  पीरियड्स के समय नींद न आना तथा थकावट महसूस होना एक आम लक्षण होते है। 


पीरियड्स में होने वाले दर्द के प्रकार - Types of period pain - 

पीरियड्स में होने वाले दर्द को दो भागों में बांटा गया है। पीरियड्स के पहले दर्द को Primary dysmenorrhea तथा दूसरे दर्द को Secondary dysmenorrhea कहते है। Primary dysmenorrhea  उन लड़कियों को होते है जिसके period हाल ही में प्रारंभ होते है। period होने पर यह एक या दो दिन होते है और 72 घंटों के अंदर-अंदर बंद हो जाते है। इस प्रकार के पीरियड्स में कमर या फिर टांगों में दर्द होता है। 


दूसरा होता है Secondary dysmenorrhea यह उन महिलाओं में होता है जिनकी उम्र 25 से 40 वर्ष की बीच होती है। यह दर्द period होने के कुछ दिनों पहले शुरु हो जाते है और पीरियड्स के बाद एक दो दिनों तक बना रहता है। 

पीरियड्स के दर्द को कम करने के घरेलू उपाय - Home remedies to reduce period pain -
अब जान तो गये ही होंगे कि क्यों और कैसे होता है पीरियड्स में दर्द और उसके लक्षण अब हम चर्चा करते है कि कैसे उसे घरेलू उपायों के द्वारा कम किया जा सकता है… 

पीरियड्स के दर्द कम करने के बहुत सारे घरेलू नुक्शे है उन्हीं में से कुछ नुक्शे हमारे द्वारा प्रस्तुत किए गये है जो इस प्रकार  से है --

पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह की अनुसार गर्म पानी से स्नान से भी काफी राहत महसूस होती है और दर्द में राहत भरा सुकून मिलता है। 
 पीरियड्स के दर्द में मेथीदाना भी आपकी काफी हेल्प कर सकते है। मेथीदाना को रात में पानी में भिगों दे और सुबह होते है मेथीदाना के पानी को छानकर पी लें यदि आप ऐसा करती है तो इससे आपको काफी आराम मिलेगा। 
पीरियड्स में काली-मिर्च और अदरक की चाय भी आपको काफी सुकून दे सकती है । अदरक और काली मिर्च की हर्बल चाय बनाकर अगर आप पीती है तो यह आपके पीरियड्स के दर्द को कम कर देती है। 
गाजर का जूस उन लड़कियों के लिए रामबाण साबित हो सकता है जिस लड़कियों में खून की कमी है और उन लड़कियों को पीरियड्स के दौरान दर्द भी होता है तो अगर ऐसे में अगर आप गाजर का जूस लेती है तो इसमें आपको दो प्रकार के लाभ मिल जाते है एक तो आपके शरीर में खून की मात्रा के स्तर में वृद्धि हो जाती है और दूसरा आपको पीरियड्स के दर्द से छुटकारा भी मिल जाता है। 
पपीता भी पीरियड्स के दर्द को कम करने का एक अच्छा घरेलू नुक्शा है यह पपीता आपकी पाचन शक्ति को मजबूत करता है तथा पेट की ऐंठन को कम करके दर्द से छूटकारा दिलाता है। इस उपाय को शुरु करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि यह उपाय पीरियड्स आने के पाँच दिन पहले ही प्रारंभ कर देना चाहिए। 
जीरा भी घरेलु उपाय का एक कारगर तारीका है क्योंकि इसके सेवन से भी पीरियड्स के दर्द को कम किया जा सकता है, क्योंकि जीरे में     Anti-spasmodic and anti-inflammatory यह दोनों मौजूद होते है जो ऐंठन तथा दर्द से निजात दिलाने में बहुत ही महत्वपूर्ण होते है। 
अजवाइन को आयुर्वेदिक दवाइयों में गिना जाता है। यह बीमारियों तथा विकारों को कम करके हमें स्वास्थ्य बनाती है। अजवाइन में बहुत ही अच्छे गुण होते है जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करता है। अजवाइन के बीजों के रात में भिंगों दे और सुबह होते ही गर्म करके इसको पी लें। 

पीरियड्स के दर्द के बचने के महत्वपूर्ण उपाय - Important remedy (treatment)  to avoid period pain -

पीरियड्स के दौरान क्या करें और क्या न करें -- 

पीरियड्स के दौरान खट्टी चीजों को सेवन बिल्कुल भी नही करना चाहिए। 
पीरियड्स के दिनों में जंक फूट तथा ज्यादा तेल युक्त भोजन  खाने से बचना चाहिए। 
ठंड़े पदार्थो का सेवन नही करना चाहिए और चावल, दही को बहुत कम या फिर बिल्कुल नही खाना चाहिए। 
पीरियड्स के दौराय चाय कॉफी का सेवन बहुत ही कम करना चाहिए और जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। 
अपनी डाइट में vitamin-D की मात्रा को बढाना चाहिए और फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए। 
पीरियड्स के दौरान अगर ज्यादा दर्द हो तो बहुत ज्यादा ठंड़ा पीने से बचना चाहिए तथा एसी वाले कमरे में न रहे नही तो दर्द में इजाफा हो सकता है। 

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